विचारणीय

गीता कहती है - संशयात्मा विनश्यति अर्थात् सदा संशय करनेवाला, दूसरों को संदेह की दृष्टि देखनेवाला, अविश्वासी एवं अनियंत्रित व्यक्ति क्षय को प्राप्त होता है।

मंगलवार, 5 जनवरी 2016

अनमोल जीवन Precious LIFE

तूफान के गुजर जाने का इंतजार नहीं बल्कि तूफान से गुजरने का हौसला रखना है जिंदगी। जिंदगी को शरीर से जिया जाता है परंतु शरीर पर नियंत्रण हमारे विचारों का होता है। इसलिए अगर हम अपनी बुद्धि को सही राह पर ले आये तो जीवन में बाकि सब अपने आप सही हो जायेगा।

अगर आपकी दृष्टि अच्छी हो तो सारा संसार आपको अच्छा लगने लगता है वही अगर आपकी वाणी अच्छी हो तो सारे संसार को आप अच्छे लगेंगे।

हम जिस तरह से दुनिया को देखते हैं वह उसी प्रकार दिखता है। हम जिस तरह से औरों से व्यवहार करते हैं उसी प्रकार लोगों का व्यवहार हमारे लिए होता है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक न्यूटन की माने तो "हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।"

किसी कारणवश कोई आपका दिल दुखाये तो बुरा मत मानो क्योंकि जिस वृक्ष में फल अधिक होते हैं उसे ही पत्थर खाना पड़ता है। आप जितना दर्द सहेंगे उतना ही अधिक आप मजबूत बनकर उबरेंगे।

आप किसी से कोई आशा न रखे। क्योकिं आपकी आशा जितनी बड़ी होगी उतनी ही बड़ी निराशा उस आशा की पूर्ति न होने पर होगी। अगर आपके पास कोई अच्छा सुझाव अथवा जानकारी है तो आप लोगों से साझा कर सकते हैं पर आपके सुझाव को हर कोई स्वीकार कर ले ये जरुरी नहीं। सभी की अपनी अलग राय और विचार होते हैं। विचारों के आदान-प्रदान के बाद निर्णय लेते वक्त परिस्थितियों की मांग पर जरूर गौर करें आपको निर्णय लेने में आसानी होगी।

जीवन में बदलाव की आशा रखने वालों से निवेदन है कि पहले वो विकल्पों को चुनने का साहस करें और जिस विकल्प को चुने उसे पूरा करें ताकि आपके जीवन में बदलाव हो।

अपने जीवन को भरपूर आनंद से जिये। औरों से तुलना करना गलत होगा। एक उत्तम जीवन को जीने के बजाय एक खुशहाल जीवन जीने की बात करें।

जीवन में कोई भी क्षण उत्तम व श्रेष्ठ नहीं होता है। अगर आपका बस चले तो आप हर क्षण को उत्तम बना सकते हैं। कितने वर्षों तक जीवन जिया ये बड़ी बात नहीं है बल्कि किस प्रकार जिया ये बड़ी बात है।

हर कहानी का अंत होता है परंतु जीवन में हर कहानी का अंत एक नयी शुरुआत की ओर अपना कदम बढ़ाने का इशारा हैै। जीवन को नदी की धारा की तरह बहने दे, रोके नहीं।

अगर अतीत में आपसे कोई गलती हो गयी हो तो उसे सुधारने के लिए आपको अतीत में जाने की आवश्यकता नहीं है परंतु भविष्य में ऐसी गलती को न दोहराकर एक नई शुरुआत अवश्य कर सकते हैं ताकि एक उत्तम अंत को देख सके। स्वंय महात्मा बुद्ध ने कहा था - जब जागा तभी सवेरा। जीवन के नए अध्यायों को अगर पढ़ना हो तो पुराने, पढ़ चुके अध्याय को पढ़ते रहना मूर्खता होगी। आपका आने वाला कल तब तक उत्तम नहीं हो सकता जब तक आप अपने बीते हुए कल के बारे में सोचना नहीं छोड़ देतेे।

जीवन में विश्वास की बड़ी एहमियत है। परंतु ये विश्वास एक रबड़ की तरह होता है जिसका आकार आपके प्रत्येक भूल पर छोटा होता जाता है। जीवन के इन्हीं भूलों से हमें बहुत सी सीख भी मिलती है।

जीवन एक सिक्के की भाँति होता है। इसे आप अपने मन-मुताबिक खर्च कर सकते हैं परंतु केवल एक बार। ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इसे किस कार्य की पूर्ति के लिए खर्च करना चाहते हैं।

जीवन में हर क्षण हम कुछ न कुछ सीखते हैं और अपने अनुभवों को बढ़ाते हैं। मेरा निवेदन है कि आप अपने अनुभवों और ज्ञान का पूरा इस्तेमाल करें ताकि अंत में आपको इस बात का गम न रहे कि आपका यह ज्ञान एक कूड़े की भाँति कूड़ेदान में यूँ ही पड़ा रह गया।

जीवन के संघर्ष के दिनों का शुक्रिया अदा करें। ये आपको भविष्य के लिए तैयार करता है और आपको पहले से अधिक मजबूत बनाता है। जीवन में सफलता का द्वार असफलता से होकर गुजरने पर ही मिलता है।

अगर कोई वस्तु आपको अत्यधिक मात्र में चाहिए तो इसके लिए दो ही तरीके हैं। एक, उस वस्तु को धीरे-धीरे लगातार इकठ्ठा करना शुरू कर दे और दूसरा, अपनी इच्छाओं पर लगाम लगाये।

जीवन में हर कोई अगर आपसे प्रसन्न हैं तो इसका केवल एक ही अर्थ है कि आपने अपने जीवन में बहुत सारे समझौते किये हैं। वहीँ अगर आप हर किसी से प्रसन्न हैं तो इसका अर्थ है कि आपने उन सब की गलतियों को नजरअंदाज कर दिया है। वैसे जीवन में तीन व्यक्तियों को कभी-भी भुलाना नहीं चाहिए। एक, जिसने मुश्किल घडी में आपका साथ दिया। दूसरा, जिसने ऐसी घडी में आपका साथ छोड़ा और जिसने आपको इस मुश्किल में डाला।

समझदार व्यक्ति के लिए जीवन एक स्वप्न है, मुर्ख के लिए यह एक खेल है, धनवान के लिए व्यंग्य है और गरीब के लिए दुख के बराबर है।

जीवन में कभी धैर्य नहीं खोना चाहिए। एक दरवाजा अगर बंद हो जाये तो निराश होने की आवश्यकता नहीं है। जहाँ एक द्वार बंद होता है वहाँ कहीं अन्य द्वार खुल जाते हैं। परंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि हम उस बंद दरवाजे के दुबारा खुलने की बड़ी बेसब्री से इंतजार में अन्य खुले दरवाजे को नजरअंदाज कर देते हैं और फिर किस्मत पर रोते हैं।

अगले एक वर्ष में क्या होगा अथवा अगले एक महीने में क्या होगा, यह सोचने की बजाय आप यह सोचे की आप के पास अगला 24 घंटा शेष है और इस 24 घंटे में अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अपना उत्तम प्रदर्शन करना है।

जीवन में ईमानदारी जरूरी है। ईमानदारी का मतलब ये नहीं कि आपको जीवन में सबकुछ मिल जाएगा परंतु जो भी मिलेगा वो आपके लिए सही होगा।

जीवन को भरपूर जिए। छोटी-छोटी खुशियों को अनदेखा न करें वरना एक समय ऐसा भी आएगा जब आप पीछे मुड़कर देखेंगे तो पाएंगे जिसे आप छोटा समझते थे वो कितना बड़ा हो चुका है।

दोस्तों, जीवन में कहीं सारे संघर्ष रहते हैं परंतु इसकी जटिलता को भी हम स्वंय ही रचते हैं। अगर आपको किसी की याद सताती है तो उनसे बात करें। अगर आपको लगता है कि कोई आपको नहीं समझ रहा है तो पहले उन्हें समझने का प्रयत्न करें। अगर किसी से मिलने की इच्छा हो तो उन्हें न्योता दे। मन में कोई सवाल हो तो पूछ ले। कोई ख्वाहिश हो तो कह दे। अगर आप किसी से प्रेम करते हैं तो उन्हें बताईये। जीवन सरल है और वह भी केवल एक ही बार मिलता है इसे और जटिल न बनाये।

दोस्तों, आपको ये पोस्ट कैसा लगा? अपने कीमती सुझाव जरूर लिखे।

अगर आपको ये पोस्ट पसंद आये तो अपने मित्रों और सम्बन्धियों से जरूर साझा करें।

आप सबको नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें