२/ पुस्तक जेब में रखा बाग है – अरबी कहावत.
३/ जल का दूसरा नाम ही जीवन है – केंस.
४/ विज्ञान को विज्ञान तभी कह सकते हैं जब वह
शरीर, मन और आत्मा की भूख मिठाने की पूरी ताकत रखता हो
– महात्मा गाँधी.
५/ अध्यापक माली है जो बच्चों रूपी पौधों की
देखरेख करता है – फ्रोबेल.
६/ विज्ञान समाज की भलाई के लिए होनी चाहिए – ए. पी. जे. अब्दुल कलाम.
७/ लगन को काँटों की परवाह नहीं होती – प्रेमचंद.
८/ दूज का चन्द्रमा यात्रा करते रहने से ही
पूर्ण चन्द्रमा बन जाता है – इब्ज-उल-वर्दी.
९/ माँ का हृदय बच्चे की पाठशाला है – बीचर.
१०/ स्वतंत्र वही हो सकता है जो अपना कार्य आप
कर लेता है – विनोबा
भावे.
११/ भय पर आत्मा की शानदार विजय ही वीरता है – एमिएल.
१२/ नारी की सहानुभूति हार को भी जीत बना सकती
है – प्रेमचंद.
१३/ उपकार करना मित्र का लक्षण है और अपकार
करना शत्रु का लक्षण है – बाल्मीकि रामायण.
१४/ शांति के समान कोई तप नहीं, संतोष से बढ़कर
कोई सुख नहीं है – चाणक्य.
१५/ यश त्याग से मिलता है, धोखे-धडी से नहीं – प्रेमचंद.
१६/ अपने आप को सबसे बड़ा बुद्धिमान समझना सबसे
बड़ी मूर्खता है – बेनार्ड शा.
१७/ प्रार्थना करने वाले होंठो से सहायता करने
वाले हाथ कहीं अच्छे हैं – मदर तेरेसा.
१८/ परोपकार का प्रत्येक कार्य स्वर्ग की ओर
एक कदम है – वीवर.
१९/ सौंदर्य का आदर्श सादगी और शांति है – गेटे.
२०/ विचारों के युद्ध में पुस्तकें ही अस्त्र
हैं – जॉर्ज बर्नार्ड शा.
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