1) सुभाषचंद्र बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेताओं में एक थे जिनका जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक जिले में एक बंगाली परिवार में हुआ था.
2) बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माँ का नाम प्रभावती था. पिता कटक के मशहूर वकील थे जिन्हें अंग्रेज सरकार ने “राय बहादुर का किताब” दिया था.
3) जानकीनाथ बोस एवं प्रभावती की कुल मिलाकर 14 संतानें थी, जिसमें 6 बेटियाँ और 8 बेटे थे. सुभाषचंद्र बोस उनकी नौवीं संतान और पाँचवें बेटे थे.
4) सुभाषचंद्र बोस एक मेधावी छात्र थे परन्तु वे अंग्रेजी शिक्षा को सही नहीं मानते थे. उनके पिता ने उन्हें समझाया कि देश का भला करना हो तो अंग्रेजों से प्रशासनिक पद छीनने होंगें. इसी से प्रेरित होकर वे इंग्लैंड में जाकर I.C.S. की परीक्षा उत्तीर्ण की और चतुर्थ स्थान हासिल किया. परन्तु देश भक्ति की भावना से प्रेरित हो बोस ने बाद में उच्च-अधिकारी पद से त्यागपत्र दे दिया.
5) कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेताजी ने जापान और जर्मनी से मदद के लेने की कोशिश की थी तो अंग्रेज सरकार ने खुफ़िया एजेंटों को 1941 में उन्हें खत्म करने का आदेश दिया था.
6) द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, सुभाषचंद्र बोस ने एक मजबूत क्रांति द्वारा देश को स्वतंत्र कराने के लिए 21 अक्टूबर, 1943 को जापान के सहयोग से “आज़ाद हिन्द फौज” का गठन किया था.
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7) “कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाए जा” – आज़ाद हिन्द फौज का वह गीत था जिसे गुनगुना कर इस फौज के सेनानी जोश और उत्साह से भर उठते थे. वर्ष 1943 से 1945 तक “आज़ाद हिन्द फौज” ने अंग्रेजों से युद्ध में लोहा लेते रहे और अंग्रेजों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि भारत में अब उनका भविष्य समाप्त होने वाला है.
8) सुभाषचंद्र बोस द्वारा दिया गया “जय हिन्द” का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है.
9) “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” का नारा भी सुभाषचंद्र बोस का ही दिया हुआ है.
10) नेताजी की मृत्यु पर से रहस्य अभी भी कायम है. उनकी मृत्यु हवाई दुर्घटना में मानी जाती है. जापानियों के मुताबिक, दूसरे विश्व युद्ध में जापान की पराजय के बाद दक्षिण पूर्वी एशिया से भागते हुए एक हवाई दुर्घटना में 18 अगस्त, 1945 को नेताजी की मृत्यु हो गई. कुछ अन्य का मानना है कि उन्हें बाद में रूस में नजरबन्द कर दिया गया था.
11) गाँधीजी ने कहा था कि उनका अंतर मन यह स्वीकारने को तैयार नहीं की नेताजी की मृत्यु विमान दुर्घटना में हुई.
12) 16 जनवरी 2014 को कोलकाता हाई कोर्ट ने सुभाषचंद्र के लापता होने से जुड़े खुफिया जानकारियों को सार्वजनिक करने से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए एक स्पेशल बेंच के गठन का आदेश दिया था जिसके चलते पिछले साल पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का साहस दिखाया.
13) परन्तु भारत सरकार ने अब तक नेताजी की मृत्यु से सम्बंधित जानकारियों को सार्वजनिक नहीं किया है. नेताजी के परिवार वालों ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से इन जानकारियों को सार्वजनिक करने की अपील की है और जवाब में मोदी जी ने भी सकारात्मक रवैया अपनाते हुए नेताजी के जन्म दिन के शुभ अवसर पर यानि 23 जनवरी, 2016 को उन दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की बात कही और अपना वादा पूरा किया. मोदी जी ने नेताजी पोर्टल लॉच किया और नेताजी से जुड़े फाइलों को सार्वजनिक कर दिया गया. पूरी जानकारी के लिए आप लॉग ऑन करें netajipapers.gov.in जिसमें आपको फ़िलहाल नेताजी से जुड़े 100 फ़ाइलें पढ़ने को मिल जायेंगे.
14) सुभाष चंद्र बोस को 1992 में मरणोपरांत भारत-रत्न से सम्मानित किया गया था जिसे बाद में वापिस भी ले लिया गया था.
15) कुछ लोगों का मानना है कि बोस की अस्थियाँ अभी भी जापान के रैन्कोजी मंदिर में एक पुजारी ने सम्हाल कर रखी हुई है.
16) गाँधीजी को राष्ट्रीय पिता कहकर पुकारने वाला सबसे पहला व्यक्ति स्वंय सुभाषचंद्र बोस ही थे.
17) गाँधीजी ने भी सुभाष की देश की आज़ादी के प्रति लड़ने की भावना देखकर ही उन्हें “देशभक्तों का देशभक्त” कहा था.
18) बोस ने ही दुनिया की पहली महिला फौज का गठन किया था.
19) सुभाषचंद्र बोस को नेताजी कहने वाला पहला व्यक्ति एडोल्फ हिटलर था.
20) सुभाष की मेहनत और सफलता देख देशबंधु ने कहा था – “मैं एक बात समझ गया हूँ कि तुम देश के लिए रत्न सिद्ध होगे.”
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जय हिन्द........
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