विचारणीय

गीता कहती है - संशयात्मा विनश्यति अर्थात् सदा संशय करनेवाला, दूसरों को संदेह की दृष्टि देखनेवाला, अविश्वासी एवं अनियंत्रित व्यक्ति क्षय को प्राप्त होता है।

शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

सुनी-सुनाई बातें

दोस्तों अक्सर देखने में आता है कि हम किसी की बातें सुनकर बिना सोचे-विचारे तुरंत निर्णय ले बैठते है और बाद में पछताते हैं. सुनी-सुनाई बातों पर कभी भी विश्वास नहीं करनी चाहिए.

किसी की बातें सुनने के बाद अगर आपको निर्णय लेना हो तो पहले उस बात की तह तक जाइये और सभी कोणों पर दृष्टी डालने के पश्चात निर्णय लीजिये. अक्सर लोग निजी स्वार्थ के अनुकूल बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने में परहेज नहीं करते.


अपने इसी विचार को जीवंत करने के लिए आप लोगों से एक कहानी Share करना चाहूँगा.


बहुत समय पहली की बात है. बालानगर राज्य में एक राजा राज करता था. उनका नाम बालादेव था.

वह कभी भी राज्य की परिक्रमा को नहीं निकलता था. रोज सवेरे राजा को दाड़ी बनाने का बड़ा शौक था. रोज की तरह आज भी नाई जिसका नाम शामू था, अपने सामान सहित राजा की दाड़ी बनाना शुरू करता है.


बालादेव (शामू से) – शामू.


शामू (हाथ जोड़कर) – जी, महाराज.


बालादेव – आज राज्य का हाल कैसा है ?


शामू – महाराज, राज्य में सब ठीक-ठाक है. कहीं कोई चोरी-डकैती नहीं, झगड़ा नहीं. सभी सुख पूर्वक जीवन यापन कर रहे हैं. कहीं कोई गरीबी नहीं है. आपके राज्य में हर ओर खुशहाली ही खुशहाली है.


राजा खुश होकर शामू को सोने की मुद्राएँ भेंट कर विदा करता है. इस तरह रोज शामू को कुछ न कुछ भेंट राजा से मिल जाता था.


अगले दिन दाड़ी बनाते वक्त राजा बालादेव जब शामू से राज्य का हाल पूछा तब शामू ने दुखी मन से कहा - महाराज, राज्य में सब ठीक नहीं है. हर ओर चोरी-डकैती, झगड़े हो रहे हैं. सभी दुखी हैं. हर ओर गरीबी है. आपके राज्य में जनता दुखी है.

राजा को बड़ा आश्चर्य हुआ कि आखिर एक दिन में ऐसा क्या हो गया. बालादेव ने अपने मंत्री से सच्चाई पता करने को कहा. मंत्री सारी जानकारियाँ इकट्टा कर राजा के समीप प्रस्तुत होता है.


मंत्री (राजा से) – महाराज की जय हो.


बालादेव – बोलो, क्या खबर लाये हो.


मंत्री – महाराज, शामू ने आपसे जो कुछ भी कहा वह राज्य के विषय में न होकर उसके अपने घर के विषय में कहा था. आपके दिए हुए उपहारों से उसका घर दिन-ब-दिन खुशहाल होता जा रहा था, गरीबी का कहीं नामों निशान नहीं था. इसलिए वह हर रोज प्रसन्न रहता था. परन्तु कल रात शामू के घर कुछ चोर आये और सारे पैसे चुरा ले गए. इसलिए आज शामू दुखी है.




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